Insurance claim | इन्श्योरेन्स क्लैम कैसे करें ?

Insurance & Insurance claim
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Insurance Introduction

Insurance (बीमा) एक ऐसा वित्तीय उत्पाद है, जो किसी व्यक्ति या संगठन को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है। यह अनुबंध आधारित सेवा है, जिसमें Insurance (बीमा) कंपनी (Insurance (बीमा) कर्ता) नुकसान या हानि की स्थिति में Insurance (बीमा) धारक (Insurance (बीमा) लेने वाला) को वित्तीय मदद देने का वादा करती है। Insurance (बीमा) के कई प्रकार होते हैं, जैसे –

  • स्वास्थ्य Insurance (बीमा)
  • जीवन Insurance (बीमा)
  • वाहन Insurance (बीमा)
  • गृह Insurance (बीमा)

Insurance (बीमा) दावा एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से Insurance (बीमा) धारक Insurance (बीमा) कंपनी से हानि या नुकसान की भरपाई मांगता है। इस पोस्ट में हम Insurance (बीमा) और Insurance (बीमा) दावे के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे।

Insurance (बीमा) के प्रकार-

  1. स्वास्थ्य Insurance (बीमा): यह Insurance (बीमा) प्रकार चिकित्सा खर्चों को कवर करता है। इसमें अस्पताल में भर्ती, दवाएं, सर्जरी, और अन्य चिकित्सा सेवाओं के खर्च शामिल होते हैं। स्वास्थ्य Insurance (बीमा) किसी आकस्मिक स्थिति में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।
  2. जीवन Insurance (बीमा): यह Insurance (बीमा) प्रकार Insurance (बीमा)धारक की मृत्यु की स्थिति में उनके परिवार या नामित व्यक्ति को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने का एक तरीका है ताकि परिवार के सदस्यों की आर्थिक स्थिति में कोई अस्थिरता न हो।
  3. वाहन Insurance (बीमा): यह Insurance (बीमा) प्रकार वाहनों के लिए होता है और इसमें दुर्घटना, चोरी, या वाहन से जुड़े अन्य जोखिमों के लिए वित्तीय सुरक्षा मिलती है। वाहनों के लिए यह Insurance (बीमा) अनिवार्य होता है, ताकि दुर्घटना की स्थिति में आर्थिक नुकसान से बचा जा सके।
  4. गृह Insurance (बीमा): यह Insurance (बीमा) प्रकार घर और घर के सामान के नुकसान या चोरी के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें आग, बाढ़, भूकंप, और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान शामिल होते हैं।
  5. व्यवसाय Insurance (बीमा): यह Insurance (बीमा) प्रकार व्यवसाय और उसमें लगे सभी उपकरणों, संपत्तियों और मानव संसाधनों के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसमें व्यवसाय संचालन के दौरान आने वाली संभावित समस्याओं से निपटने के लिए कवरेज होता है।

Insurance (बीमा) प्रीमियम:

Insurance (बीमा) प्रीमियम वह राशि होती है जो Insurance (बीमा)धारक Insurance (बीमा) पॉलिसी के लिए Insurance (बीमा) कंपनी को नियमित रूप से भुगतान करता है। प्रीमियम की राशि Insurance (बीमा) पॉलिसी की कवरेज, Insurance (बीमा)धारक की उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, और अन्य जोखिम कारकों के आधार पर निर्धारित होती है। प्रीमियम को मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक, या वार्षिक आधार पर भुगतान किया जा सकता है।

Insurance Claim(बीमादावा) दावा प्रक्रिया

Insurance Claim (बीमा) दावा करने की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:

  1. दावा दर्ज करना: जब भी कोई दुर्घटना, हानि, या नुकसान होता है, तो Insurance (बीमा)धारक को अपनी Insurance (बीमा) कंपनी को सूचित करना होता है। यह सूचनाएं टेलीफोन, ईमेल, या Insurance (बीमा) कंपनी की वेबसाइट के माध्यम से दी जा सकती हैं।
  2. दस्तावेज जमा करना: दावा दर्ज करने के बाद, Insurance (बीमा)धारक को आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। इसमें नुकसान का विवरण, फोटोग्राफ, मेडिकल रिपोर्ट्स, पुलिस रिपोर्ट (यदि लागू हो), और अन्य आवश्यक कागजात शामिल होते हैं।
  3. जांच: Insurance (बीमा) कंपनी का एक प्रतिनिधि या सर्वेक्षक नुकसान या हानि की जांच करता है। वह यह सुनिश्चित करता है कि दावा सही और वैध है। इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, खासकर यदि हानि बहुत बड़ी हो।
  4. दावे का मूल्यांकन: जांच के बाद, Insurance (बीमा) कंपनी दावा का मूल्यांकन करती है और यह निर्धारित करती है कि Insurance (बीमा)धारक को कितनी राशि का भुगतान किया जाएगा। यह राशि Insurance (बीमा) पॉलिसी की शर्तों और कवरेज के आधार पर निर्धारित होती है।
  5. स्वीकृति और भुगतान: यदि Insurance (बीमा) कंपनी दावा को स्वीकार करती है, तो वह Insurance (बीमा)धारक को भुगतान करती है। भुगतान सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जा सकता है या चेक के माध्यम से भेजा जा सकता है। यदि दावा अस्वीकृत होता है, तो Insurance (बीमा)धारक को अस्वीकृति के कारणों के बारे में सूचित किया जाता है और अपील की प्रक्रिया भी बताई जाती है।

Insurance (बीमा) दावा करने के टिप्स एवें नियम-

Insurance (बीमा) दावा करते समय निम्नलिखित टिप्स का पालन करें:

  1. जल्दी सूचित करें: किसी भी हानि या नुकसान की स्थिति में जितनी जल्दी हो सके Insurance (बीमा) कंपनी को सूचित करें। समय पर सूचना देने से दावा प्रक्रिया में तेजी आती है।
  2. सभी दस्तावेज सही रखें: आवश्यक दस्तावेजों को सही और संपूर्ण रूप में जमा करें। फोटोग्राफ, रिपोर्ट्स, और अन्य दस्तावेजों को अच्छी तरह से संभाल कर रखें।
  3. प्रक्रिया का पालन करें: Insurance (बीमा) कंपनी द्वारा बताई गई सभी प्रक्रियाओं का पालन करें। गलत या अधूरी जानकारी देने से दावा अस्वीकृत हो सकता है।
  4. सर्वेक्षक के साथ सहयोग करें: जांच के दौरान Insurance (बीमा) कंपनी के सर्वेक्षक के साथ पूरा सहयोग करें। सही और सटीक जानकारी दें ताकि जांच प्रक्रिया सही तरीके से हो सके।
  5. पॉलिसी को समझें: अपनी Insurance (बीमा) पॉलिसी की शर्तों और कवरेज को अच्छे से समझें। इससे आपको यह पता चलेगा कि किस प्रकार के नुकसान या हानि के लिए आप दावा कर सकते हैं और किसके लिए नहीं।

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो

क्लेम सेटलमेंट रेश्यो (CSR) Insurance (बीमा) कंपनी की विश्वसनीयता और दावा निपटान की क्षमता का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। यह प्रतिशत के रूप में दर्शाता है कि Insurance (बीमा) कंपनी ने कितने दावों का निपटान किया है। एक उच्च CSR वाली Insurance (बीमा) कंपनी का चयन करना हमेशा अच्छा होता है क्योंकि इसका मतलब है कि वे अधिकतर दावों का समय पर निपटाया करते हैं।

कैशलेस क्लेम प्रक्रिया

कुछ Insurance (बीमा) पॉलिसियाँ, जैसे स्वास्थ्य Insurance (बीमा), में कैशलेस क्लेम की सुविधा होती है। इसमें Insurance (बीमा)धारक को अस्पताल में इलाज के दौरान Insurance (बीमा) कंपनी द्वारा सीधे भुगतान किया जाता है। इसके लिए Insurance (बीमा)धारक को Insurance (बीमा) कंपनी के नेटवर्क अस्पतालों में से किसी एक को चुनना होता है और इलाज के समय Insurance (बीमा) कार्ड प्रस्तुत करना होता है।

Insurance (बीमा) के लाभ

Insurance (बीमा) लेना न केवल जोखिम को कम करता है, बल्कि यह वित्तीय स्थिरता भी प्रदान करता है। यहाँ Insurance (बीमा) के कुछ प्रमुख लाभ हैं:

  1. आर्थिक सुरक्षा: Insurance (बीमा) पॉलिसी होने से आप और आपका परिवार आर्थिक रूप से सुरक्षित रहते हैं। किसी भी आकस्मिक घटना में वित्तीय मदद मिलती है।
  2. मन की शांति: Insurance (बीमा) पॉलिसी होने से मन की शांति मिलती है। आप निश्चिंत रहते हैं कि किसी भी अनहोनी के समय आपके पास वित्तीय सहारा होगा।
  3. व्यापारिक सुरक्षा: व्यवसाय Insurance (बीमा) होने से व्यापार में किसी भी प्रकार की हानि के समय आर्थिक सुरक्षा मिलती है। इससे व्यापार में स्थिरता बनी रहती है।
  4. स्वास्थ्य सुरक्षा: स्वास्थ्य Insurance (बीमा) होने से चिकित्सा खर्चों की चिंता नहीं रहती। अस्पताल में भर्ती या उपचार के दौरान Insurance (बीमा) पॉलिसी आपकी मदद करती है।
  5. संपत्ति की सुरक्षा: गृह Insurance (बीमा) होने से आपके घर और संपत्ति की सुरक्षा होती है। किसी भी आपदा के समय आपके घर की मरम्मत या पुनर्निर्माण का खर्च Insurance (बीमा) कंपनी उठाती है।

Insurance (बीमा) का चयन कैसे करें?

Insurance (बीमा) का चयन करते समय निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें:

  1. अपनी आवश्यकताओं का मूल्यांकन करें: सबसे पहले अपनी आवश्यकताओं का मूल्यांकन करें। आपको किस प्रकार के Insurance (बीमा) की आवश्यकता है, इसे समझें।
  2. Insurance (बीमा) कंपनी की विश्वसनीयता: एक भरोसेमंद और प्रतिष्ठित Insurance (बीमा) कंपनी का चयन करें। कंपनी के ग्राहकों की समीक्षाएं और रेटिंग्स देखें।
  3. पॉलिसी की शर्तें: Insurance (बीमा) पॉलिसी की शर्तों को अच्छी तरह समझें। कवरेज, प्रीमियम, और दावा प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
  4. प्रीमियम की तुलना: विभिन्न Insurance (बीमा) कंपनियों के प्रीमियम की तुलना करें। सबसे उचित और किफायती प्रीमियम वाली पॉलिसी का चयन करें।
  5. अतिरिक्त लाभ: पॉलिसी में दिए गए अतिरिक्त लाभों का मूल्यांकन करें। जैसे कि कैशलेस सुविधा, निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, आदि।

Insurance (बीमा) पॉलिसी के अपवाद:

Insurance (बीमा) पॉलिसी में कुछ अपवाद भी होते हैं जो कि Insurance (बीमा)धारक को जानना जरूरी है। अपवाद वे स्थितियाँ या घटनाएँ होती हैं जिनके लिए Insurance (बीमा) कंपनी कोई दावा भुगतान नहीं करती। उदाहरण के लिए- स्वास्थ्य Insurance (बीमा) में कुछ पुरानी बीमारियाँ पहले वर्ष में कवर नहीं की जातीं।

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